Showing posts with label 1 कुरिन्थियों. Show all posts
Showing posts with label 1 कुरिन्थियों. Show all posts
अध्याय 11
तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं॥ 2 हे भाइयों, मैं तुम्हें सराहता हूं, कि सब बातों में तुम मुझे स्मरण करते हो: और जो व्... 1 कुरिन्थियों May 11, 2020अध्याय 13
यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं। 2 और यदि मैं भविष्यद्व... 1 कुरिन्थियों May 11, 2020अध्याय 12
हेभाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक वरदानों के विषय में अज्ञात रहो। 2 तुम जानते हो, कि जब तुम अन्यजाति थे, तो गूंगी मूरतों के पीछे जैसे ... 1 कुरिन्थियों May 11, 2020अध्याय 14
प्रेम का अनुकरण करो, और आत्मिक वरदानों की भी धुन में रहो विशेष करके यह, कि भविष्यद्वाणी करो। 2 क्योंकि जो अन्य ‘भाषा में बातें करता है; वह ... 1 कुरिन्थियों May 11, 2020अध्याय 15
हेभाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। 2 उसी के द्... 1 कुरिन्थियों May 11, 2020
Subscribe to:
Posts (Atom)