अध्याय 2
इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि, जो सातों तारे अपने दाहिने हाथ में लिए हुए है, और सोने की सातों दीवटों के बीच में फिरता है, वह यह कहत... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 3
और सरदीस की कलीसिया के दूत को लिख, कि, जिस के पास परमेश्वर की सात आत्माएं और सात तारे हैं, यह कहता है, कि मैं तेरे कामों को जानता हूं, कि तू... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 4
इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने स... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 5
और जो सिंहासन पर बैठा था, मैं ने उसके दाहिने हाथ में एक पुस्तक देखी, जो भीतर और बाहर लिखी हुई भी, और वह सात मुहर लगा कर बन्द की गई थी। 2 फि... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 6
फिर मैं ने देखा, कि मेम्ने ने उन सात मुहरों में से एक को खोला; और उन चारों प्राणियों में से एक का गर्जन का सा शब्द सुना, कि आ। 2 और मैं ने ... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 7
इसके बाद मैं ने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे, वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे ताकि पृथ्वी, या समुद्र, या किसी पे... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 8
और जब उस ने सातवीं मुहर खोली, तो स्वर्ग में आधे घंटे तक सन्नाटा छा गया। 2 और मैं ने उन सातों स्वर्गदूतों को जो परमेश्वर के साम्हने खड़े रहत... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 9
और जब पांचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूंकी, तो मैं ने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुंजी दी गई। 2 और उस ने ... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020अध्याय 11
और मुझे लग्गी के समान एक सरकंडा दिया गया, और किसी ने कहा; उठ, परमेश्वर के मन्दिर और वेदी, और उस में भजन करने वालों को नाप ले। 2 और मन्दिर क... प्रकाशित वाक्य May 14, 2020
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